दादी माँ पर निबंध

नमस्कार दोस्तों, यहां पर दादी माँ पर निबंध हिंदी भाषा में (Essay on Grandmother in Hindi) शेयर किया है। दादी मां के प्रेम और रिश्ते को बहुत ही अच्छे से एक निबंध के माध्यम से शेयर किया है। यह निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और उच्च कक्षा के विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होगा।

Essay on Grandmother in Hindi

दादी माँ पर निबंध – Essay on Grandmother in Hindi

Short essay on grandmother in hindi – 200 words.

मेरी दादी मां मुझे बहुत प्यार करती है। वह सुबह जल्दी उठ जाती है। उठने के बाद स्नान करके भगवान की पूजा भी करती है। यह काम दादी मां हमेशा करती है। दादी मां जब सुबह उठती है तो मुझे भी साथ में उठा देती है और पढ़ने के लिए बोलती है। फिर सुबह होने पर मैं उनके साथ मंदिर भी जाता हूँ। मेरी दादी मां धार्मिक महिला है और उन्हें हर धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लेना अच्छा लगता है।

दादी मां हमेशा सुबह गीता के कुछ छंद पढ़ती है और मुझे सुनाती है। मुझे उनकी हर बात अच्छी लगती है। वह मेरे को कभी कभी स्कूल तक छोड़ने के लिए भी चलती है और मैं उनके साथ कई बार बाजार भी जाता हूँ। मैं मेरा अधिकतर समय दादी मां के साथ ही गुजरता हूं। वह मुझे पौराणिक कथाएं, राजा रानी की कहानियां, मजेदार चुटकुले आदि जैसी कई चीजे सुनाती है।

उनकी हमेशा से एक ही इच्छा है कि मैं अच्छे से पढ़ाई करू और एक महान व्यक्ति बन जाऊं। मुझे पूरा विश्वास है कि दादी के आशीर्वाद से मुझे एक दिन सफलता जरूर मिलेगी। मेरे परिवार के सभी सदस्य दादी मां से बहुत प्यार करते हैं और उनका बहुत अच्छे से ध्यान रखते हैं। उनकी हर जरूरत को पूरा करते हैं।

My Grandmother Essay in Hindi – 600 Words

दादी मां का महत्व हर किसी के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होता है। दादी मां से ही व्यक्ति को जीवन के शुरूआती गुण मिलते है। मां का प्यार जितना शीतल होता है उतना ही दादी मां का प्यार मीठा और मधुर होता है। दादी मां के प्यार में मिठास भरी होती है। दादी मां के रिश्ते से अपने पोते या पोती की भावनात्मक भावनाएं जुड़ी रहती है। उनके बीच प्रेम और बंधन बहुत अधिक होता है।

जिस घर में दादी-दादी होते हैं उनके घर में हर समय खुशियां छाई रहती है और हमेशा परिवार में हर रिश्ते का सम्मान होता है। उस घर के सभी सदस्यों में संस्कार भरे होते हैं। यदि बच्चे के जीवन में उनके दादा-दादी का प्यार नहीं मिलता तो उनका बचपन पूरी तरह से अधूरा रह जाता है। दादी के प्यार का जिस बच्चे को मिला है वही दादी मां के प्यार के महत्व को समझ सकता है।

धार्मिक महिला

मेरी दादी मां हमारे परिवार में सबसे पहले उठती है। वह सुबह जल्दी उठ कर स्नान करके पूजा पाठ करने बैठ जाती है और साथ में मुझे भी उठा देती है और मुझे पढ़ने के लिए बैठाती है। पूजा पाठ करने के साथ ही वह मुझे गीता के कुछ दोहे और छंद मुझे सुनाती है और उनका अर्थ अच्छे से समझाती है। फिर जब सूर्य उदय हो जाता है तो दादी में हमेशा मंदिर जाती है और उनके साथ मैं भी मंदिर जाता हूँ।

मंदिर में हम हमेशा आरती में शामिल होते हैं। कभी-कभी मंदिर में आयोजित हुए धार्मिक कार्यक्रम में अपनी दादी मां के साथ में मैं भी जाता हूँ। मेरी दादी मां को धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लेना अच्छा लगता है और वह हर धार्मिक कार्यक्रम में जाती है और मुझे भी साथ ले जाती है। शाम के समय घर में भी दादी मां पूजा पाठ करती है और सभी को प्रसाद भी बांटती है।

मेरी मार्गदर्शक और मित्र

मैं मेरा अधिकतर समय अपनी दादी मां के साथ ही बिताता हूँ। मुझे दादी मां के साथ रहना बहुत अच्छा लगता है। मुझे दादी मां के साथ बहुत अच्छा अनुभव होता है। दादी मां मुझे कई बार अपने बचपन की बातें भी सुनाती है और इसके साथ ही मेरी दादी मां मुझे हमेशा राजा रानी की कहानियां, मजेदार चुटकले, पौराणिक कहानियां, जैसी और भी कई सारी चीजें सुनाती है। मुझे उनकी कहानियां सुनना बहुत अच्छा लगता है और मेरी दादी मां मुझे हर समय अच्छे अच्छे काम करना सिखाती है। दादी मां मेरी सबसे अच्छी मित्र हैं। वह हर समय मेरा मार्गदर्शन करती है।

दादी से मिलने वाले गुण

  • दादी के पास रहने से धार्मिक चीजों का ज्ञान होता है जो विद्यार्थियों के जीवन बहुत महत्वपूर्ण है।
  • दादी से हर कोई रिश्तों के महत्व को अच्छे से समझ सकता है।
  • सभी से प्रेम भाव से रहने का तरीका दादी से सिखने को मिलता है।
  • अच्छे संस्कार दादी से ही मिलते हैं।
  • अपने जीवन में हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती रहती है।
  • दादी के पास रहने से अनुशासन की भावना आती है।

दादी के प्रति हमारे कर्तव्य

  • हमेशा ही दादी की सेवा के लिए तैयार रहना चाहिए।
  • उन्हें कोई भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए।
  • हमेशा ही उनका सम्मान करना चाहिए।
  • हमेशा उनकी जरूरतों को पूरा करना चाहिए।
  • उनके द्वारा बताई गई हर बात का अनुसरण करना चाहिए।
  • दादी के साथ हमेशा घूमने के लिए जाना चाहिए।

पोता-पोती और दादी मां के बीच का रिश्ता बहुत ही गहरा और मीठा होता है। इनका रिश्ता हमेशा से ही मधुरता से भरा रहता है। आज की युवा पीढ़ी को उनकी तरफ ध्यान देने की जरूरत है। अपने बच्चों को संयुक्त परिवार में न रखकर उन्हें दादा और दादी के प्रेम से वंचित नहीं करना चाहिए।

उन्हें हर कोशिश करनी चाहिए कि उनके बच्चों को दादा-दादी का प्यार मिले और उनके बीच का रिश्ता गहरा हो जिससे बच्चे रिश्तों के महत्व को समझ सके। दादा-दादी के प्यार के बिना हर बच्चे का जीवन अधूरा ही होता है।

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दादी माँ पर निबंध Essay on Grandmother in Hindi

दादी माँ पर निबंध Essay on Grandmother in Hindi

आज के इस लेख में हमने दादी माँ पर निबंध Essay on Grandmother in Hindi प्रस्तुत किया है।

Table of Content

दादी माँ कौन होती है?

दादी माँ हमारे घर की सबसे बड़ी महिला होती है, जो हम बच्चों के लिये बहुत प्यारी होती है। पिता जी की माँ को हम बच्चे दादी माँ कहते है।

“Nobody can do for little children what grandparents do. Grandparents sort of sprinkle stardust over the lives of little children.”  –  Alex Haley

दादी माँ से बच्चों का रिश्ता और उनका प्यार

दादी माँ अपने बच्चों से सबसे ज्यादा प्यार करती है। घर में दादी माँ का बच्चों से सबसे अलग रिश्ता होता है। मेरी दादी माँ का नाम मथुरा देवी है। वह 85 साल की है। उनके बालों का रंग पूरा सफ़ेद है और चश्मा उनके देखने का एक मात्र जरियां।

दादी माँ की दिनचर्या

दादी माँ सुबह 5 बजे जाग जाती है, फिर वह सुबह घूमने जाती है। वहां से आकर नहाती है और मंदिर चली जाती है। वहां वह भजन पूजन करती है। वहां से आकर वह घर के काम में माँ का हाँथ बटाती है और फिर सबको नाश्ता कराने के बाद माँ के साथ बैठकर खुद भी खाती है फिर वह कुछ देर के लिये सो जाती है और जागने के बाद वह भगवान की किताबे पढ़ती है।

दादी माँ के नुश्खे

दादी माँ के पास तो जैसे कई सारी दवाईयों के अलग-अलग नुस्खे है जैसे खासी होने पर वह हमें लोंग खिलाती है। बुखार आने पर वह पहले नीम की गोलियां खिलाती और अगर सही न होने पर बाद में डाक्टर के यहाँ भेजती है पर उनका नुस्खा काम कर जाता है जिससे हमें डाक्टर के यहाँ जाने की ज़रूरत नहीं पड़ती है।

पैर या कही भी दर्द होने पर वह उस भाग में तेल से धीरे-धीरे मालिश करने को कहती है। दांत में दर्द होने पर वह गर्म पानी में नमक डालकर कुल्ला करने को कहती है। ऐसे कई छोटे-छोटे लाभदयक नुस्खे उनके पास है जो हमारे दैनिक जीवन में काम आते है।

दादी माँ को मनाने का तरीका 

दादी माँ की प्रेरणादायक कहानियों का असर.

उनके द्वारा सुनाई गयी कहानियों में हर बार कुछ नया सीखने को मिलता है इसीलिये हमें दादी माँ की कहानियां सुनने में बड़ा मज़ा आता है और जब कभी स्कूल में कहानी सुनाने को कहा जाता है तो मैं इन कहानियों को सुनाकर अपने आप में ख़ुशी महसूस करता हूं क्यों कि जब भी मैं दादी माँ के द्वारा सुनाई हुई कहानी को सुनाता हूँ तो सभी अध्यापक मेरी बहुत बढ़ाई करते है।

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दादी माँ पर निबंध Essay on grandmother in hindi

Essay on grandmother in hindi.

dadi maa essay in hindi-दोस्तों कैसे हैं आप सभी,दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल दादी मां पर निबंध आप सभी के लिए बड़ा ही हेल्पफुल है विद्यार्थी अपने स्कूल,कॉलेज की परीक्षा में निबंध लिखने के लिए हमारे द्वारा लिखित इस निबंध से जानकारी ले सकते हैं ये निबंध आपके बचपन की यादों को ताजा कर देगा तो चलिए पढ़ते है हमारे आज के इस निबंध को

Essay on grandmother in hindi

मेरी दादी मां बहुत ही प्यारी हैं वह मुझे बचपन से ही बहुत अच्छी तरह रखती हैं वह मेरा ख्याल भी रखती हैं,मुझे अच्छे संस्कार,अच्छी अच्छी आदतें सिखाती हैं मैं अपनी दादी मां के पास रहना पसन्द करता हूं.दादी मां सुबह जल्दी जागती हैं और स्नान आदि करके घर आती हैं वह कभी-कभी मुझे भी मंदिर ले जाती हैं क्योंकि वह अक्सर कहती हैं की जल्दी जागना बहुत ही अच्छा होता है क्योंकि सुबह की सूर्य की किरणें अपने शरीर पर पड़ने से हम बहुत सी बीमारियों से बच सकते हैं.

हमें सुबह सुबह जल्दी जागकर,नहा कर भगवान की पूजा करना चाहिए,उनके मंदिर जाना चाहिए.अब में बड़ा हो गया हूं लेकिन फिर भी दादी द्वारा बताई गई उन बातों को,यादों को मैं हमेशा याद करता हूं,उनका पालन करता हूं.जब भी मुझे मौका मिलता है तो में मंदिर जरूर जाता हूं.जब दादी मंदिर जाती हैं और में नहीं जा पाता तो दादी मेरे लिए प्रसाद लाती है.हम तीन भाई बहन हैं हम दादी के आसपास एक गोल सा घेरा बनाकर खड़े हो जाते थे.

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दादी हमें अपने हाथों से खिलाती थी हम बहुत ही खुश होते थे अक्सर में अपनी दादी मां के साथ खाना खाना पसंद करता हूं.मुझे दादी मां के साथ खाना खाते समय बात करना बहुत पसंद है लेकिन मेरी दादी मां अक्सर खाना खाते समय बात करने से मना करती थी.वह हरी सब्जियां को खाने को कहती हूँ.दादी मां मेरी तबीयत का भी खास ख्याल रखती थी जब भी मैं बीमार हो जाता था तो वह बैठी रहती थी मेरा ख्याल करती थी मेरी मां से भी ज्यादा वह मेरा ख्याल रखती थी.

मैं जब छोटा था तो अक्सर दादी मां के पास में ही सोता था क्योंकि वह कहानियां सुनाया करती थी मुझे कहानियां, रामायण या सभी तरह की धार्मिक बातें सुनना काफी पसंद था.दादी मां मुझे इन कहानियों को सुनाने के बाद शिक्षा भी देती थी ये मुझे बहुत पसंद था मैं हमेशा उनसे कहानी सुनाने के लिए जिद किया करता था.कहानी सुनाते सुनाते ही कभी कबार मेरी नींद भी लग जाती थी मेरी दादी मां कभी कभी खाना भी बनाती हैं कभी-कभी मेरी मम्मी जब नानी के पास चली जाती है तो अपनी दादी के द्वारा बनाया गया खाना मुझे बेहद भाता है.

खाना खाने के बाद वह मुझे प्यार से अपने हाथों से खाना खिलाती थी.दादी की उम्र लगभग 70 साल है.उनके बाल सफेद हैं और चेहरे पर झुर्रियां हैं लेकिन उनकी छवि मुझे बहुत ही अच्छी लगती है वह अक्सर चश्मा लगाए रहती हैं.दादी को समाज के किसी कार्य में भाग लेना बहुत भाता है वह मुझे अपने साथ ले जाती हैं उनके साथ जाना मुझे भी बहुत भाता है. मेरी दादी सबसे अच्छी है मैं यही चाहता हूं कि मुझे हर जन्म में यही दादी मिले.

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Essay on Grandmother in Hindi

हमनारे सब की ज़िन्दगी में सबसे अहम् सदस्य दादी माँ होती है| दादी माँ हमें हमारे जीवन की सबसे महत्वपूर्ण सीख सिखाती है| इस पोस्ट के द्वारा हम आपको दादी माँ पर निबंध इन हिंदी की जानकारी देंगे जिनगी आप class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के छात्र इस्तेमाल कर सकते है|

दादी माँ पर निबंध

ऊपर हमने आपको essay on dadi maa in hindi, about, for class 7, about dadi maa in hindi, essay on my grandmother in punjabi, paragraph on my dadi in hindi, 10 lines on meri dadi maa in hindi, आदि की जानकरी देंगे|

#1. Essay in 100 words

दादी माँ सभी को बहुत प्यारी होती है और बच्चे उनके दुलारे होते हैं। मेरी दादी माँ का नाम रोशनी देवी है और वर हमारे साथ हमारे घर में ही रहती है। उनकी आयु लगभग 70 वर्ष है लेकिन उनमें अभी भी बहुत हिम्मत है। वह माँ के साथ घर का काम भी करवा देती है। वह हम सबसे बहुत प्यार करती है और हमारे कहने पर हमारी पसंद के व्यंजन भी बना देती है। जब कभी वह कुछ दिनों के लिए चाचा के घर रहने चली जाती हैं तो घर सूना सूना लगने लगता है क्योंकि वह हमारे घर में सबसे वृद्ध है और बात पर हमें सही राह दिखाती हैं। वह हमें पापा से डाँट पड़ने से भी बचाती है। दादी माँ का स्वभाव बहुत ही विनम्र और खुशमिजाज हैं। उनके घरेलू नुस्खे हर बिमारी में असरदार होते हैं। मेरी दादी माँ सुबह 5:30 बजे उठ जाती है और तैयार होकर मंदिर जाती है। उन्हें धर्म कर्म के कार्य में विशेष रूचि है। हर रोज शाम की चाय वहीं बनाती है और हमें उनके हाथ की चाय बहुत पसंद है। वह सुबह और शाम में घर में आरती करती है। वह हमें मेले लगने पर पैसे देती हैं और हमें घुमाने भी ले जाती है। वह शाम को अपनी महिला मंडली के साथ सैर करने भी जाती है और उनके साथ धार्मिक स्थलों पर भी भ्रमण करने जाती हैं।

#2. Essay in 300 words

मेरी दादी माँ एक अच्छी आदतों वाली महिला है। उसकी उम्र सत्तर साल है। मेरी दादी माँ सुबह बहुत जल्दी उठती है वह हमें जाग लेती है और हमें पढ़ने के लिए कहती है। वह हमें कुछ समय तक बैठती है और हमें अध्ययनों में देखती है। फिर वह अपनी सामान्य काम करने के लिए जाती है वह एक घंटे में सब कुछ खत्म कर देती है। वह एक धार्मिक महिला है वह हर दिन गीता से कुछ छंद पढ़ती है। वह अपनी प्रार्थना प्रस्तुत करती है और अपने दैनिक धार्मिक अनुष्ठान करती है वह दिन के उजाले से सबकुछ खत्म करता है मेरे दादा अपने सुबह की पैदल दूरी से वापस आते हैं। दोनों ही सुबह सुबह चाय बैठते हैं और विभिन्न चीजों के बारे में बात करते हैं। वह प्रफुल्लित प्रकृति की एक महिला है एक बार जब आप मेरी दादी माँ से बात करना शुरू करते हैं, तो आप अपने आप को भूल जाएंगे। वह आपको अपने जीवन और अनुभव के बारे में बहुत सी बातें बताएगी। दृष्टिकोण के उसके तरीके इतने प्यारे हैं कि आप उसे ध्यान से नहीं सुन सकते हैं, लेकिन ध्यान के साथ उसकी बात का कोई अंत नहीं है लेकिन यह काफी जीवंत और मनभावन है। मेरी दादी माँ हमारे लिए सभी शुभकामनाएं और आशीषें हैं। हमें लगता है कि उसके आशीर्वाद से हमें दुनिया की सभी बीमारियों के खिलाफ मिलना चाहिए। वह अक्सर हमारे साथ समय गुजरती हैं वह, कभी-कभी हमें मजेदार चुटकुले और कहानियों को बताती है। वह चाहते हैं कि हम अच्छी तरह से पढ़ सकें और हमारे जीवन में महान बनें। और हमें यकीन है कि उनकी शुभकामनाएं हमें आगे बढ़ेगी। वह मेरे पिता और मां के लिए हर प्यार है यदि मेरे पिता अपने कार्यालय से थोड़ी देर देर कर रहे हैं तो वह बहुत परेशान है। मेरे माता-पिता मेरी दादी माँ को बहुत प्यार करते हैं| वे उसकी देखभाल करते हैं| वह काफी दादाजी के लिए समर्पित है। वह उनसे घंटों तक बात करती है। वे अपनी उपलब्धियों और विफलताओं और परिवार के कल्याण पर चर्चा करने के लिए बैठते हैं। मैं अपनी दादी माँ को इतना प्यार करता हूँ।

#3. Essay in 400 words

प्रस्तावना: हर किसी के जीवन माँ की तरह उसकी दादी माँ का ही जीवन में बहुत महत्व होता हैं | जिस तरह से माँ शीतल छाया का एहसास दिलाती हैं उसी तरह से दादी माँ एक प्यार भरी मिठास होती हैं | जिसके जीवन में दादी माँ का प्यार मिलता हैं वही बच्चा उसकी महत्वता को समझता हैं | दादी माँ मेरी दादी माँ का नाम सुनीता माथुर हैं | उसकी उम्र साठ साल हैं | वो एक बूढी औरत हैं | वो सब लोगों का अच्छे से देखभाल करती हैं | सभी को बहुत प्यार करती हैं | वो हर दिन सुबह जल्दी उठती हैं | मेरी दादी माँ घर का काम भी करती हैं | मेरी दादी माँ में अभी भी बहुत हिम्मत हैं | मेरी दादी कई दिन के लिए चाचा के घर पर रहने के लिए जाती हैं तो, पूरा घर सुना – सुना लगता हैं | धार्मिक महिला मेरी दादी यह एक धार्मिक महिला हैं | मेरी दादी माँ हर दिन मंदिर जाके भगवान की पूजा करती हैं | वो कभी – कभी अपने साथ मुझे भी लेकर जाती हैं | वो अपनी प्रार्थना को प्रस्तुत करती हैं | वो हमेशा मुझे यह कहती हैं की, जल्दी उठना बहुत अच्छा होता हैं | क्यों की सूर्य की किरणे शरीर पर पड़ने से हम बहुत सारी बिमारियों से बच सकते हैं | मेरी दादी माँ हमेशा छोटी – छोटी बातों की चिंता करती हैं और परिवार की ख़ुशी के लिए दुवा करती हैं | हम सभी बच्चो को वो अच्छे और बुरे का फर्क समझाती हैं | मेरी दादी रात के समय हमें बहुत सारी कहानियां सुनाती हैं | घर का खाना मेरी दादी बहुत अच्छा खाना बनती हैं | उसके हाथ का खाना मुझे बहुत अच्छा लगता हैं | दादी हमें अपने हाथों से खाना खिलाती हैं | मैं अपने दादी माँ के साथ में खाना खाना बहुत पसंद करता हूँ | वो हमेशा हमें यह कहती थी की, खाना खाते समय बात नहीं करनी चाहिए | मेरी दादी माँ मेरे हर एक बात का ख्याल रखती हैं | मैं जब बीमार पड़ता हूँ तो, मेरे साथ वो बैठी रहती हैं | मेरे मम्मी – पापा अपने काम में व्यस्त रहते थे | उसकी वजह से मेरी दादी माँ को घर का काम करना पड़ता था | वो घर का काम करने के साथ – साथ हम लोगों की देखभाल भी करती थी | अनुशासन का महत्व मेरी दादी माँ हमेशा मुझे अनुशासन का महत्व समझाती थी | वो कहती थी की हर एक व्यक्ति को अपने जीवन में अनुशासन अपनाना चाहिए, क्यों की अनुशासन में रहने वाला व्यक्ति को हमेशा जीवन में सफलता प्राप्त होती हैं | निष्कर्ष: मेरी दादी माँ यह दुनिका की सबसे अच्छी दादी माँ हैं | मैं अपने दादी माँ से बहुत प्यार करता हूँ | मै यही चाहता हूँ की, हर जन्म में मुझे यही ही दादी माँ मिले |

#4. Essay in 500 words

दादा-दादी, नाना-नानी घर से सबसे बड़े एवं सम्मानीय सदस्य होते हैं। इसलिए घर के सभी लोगों के मन में इनके लिए अलग भावना होती है और सब इनका आदर करते हैं। घर से हर काम को इनकी सलाह से पूरा किया जाता है, क्योंकि इनके घर के लिए गए हर फैसले अहम होते हैं, इन्हें दुनिया का काफी अच्छा तुर्जुबा होता है और लोगों की बेहतर पहचान होती है। इसलिए वे अपने अनुभव और तर्जुबे को अपने बच्चों को पोता – पोता से सांझा करते हैं और उन्हें दुनिया के बारे में मुखातिब करवाते हैं और उन्हें सही सलाह देकर सही मार्ग पर चलने की शिक्षा देते हैं। इसके साथ ही घर में अनुशासन को बनाए रखने के लिए प्रेरणा देते हैं और अनुशासन के महत्व को अपने पोता-पोती को बताते हैं। वहीं जब माता-पिता अपने कामों में व्यस्त रहते हैं तो दादा-दादी ही होते हैं जो पोता-पोती को भरपूर समय देते हैं और उनके अंदर अच्छे संस्कारों का विकास करते हैं साथ ही उन्हें भारतीय संस्कृति एवं परंपरा के महत्व को बताते हैं और उनके अंदर नैतिक मूल्यों एवं कर्तव्यों की भावना का विकास करने में उनकी मद्द करते हैं। जो बच्चे अपने दादा-दादी के संपर्क में रहते हैं उनके अंदर रिश्तों की अहमियत और प्रेम, सम्मान की भावना कूट-कूट कर भरी होती है, क्योंकि दादा-दादी बच्चों को सभी से प्रेम करने और रिश्तों के महत्व को बेहद अच्छे तरह से समझाते हैं। दादा-दादी, घर की रौनक होते हैं और अपने पोता – पोती को उनके माता-पिता से भी ज्यादा प्यार करते हैं और उन्हें अच्छी कहानियां सुनाकर उनके बचपन को और भी ज्यादा बेहतर बनाते हैं। वहीं आज की युवा पीढ़ी सुंयुक्त परिवार में रहना नहीं पसंद करती है, सेपरेट परिवार में रहना एक ट्रेंड सा बनता जा रहा है। जिसके चलते आज के बच्चों को दादा-दादी और नाना – नानी का प्यार नहीं मिल पाता है। वहीं इस बात को हर माता-पिता को जरूर समझना चाहिए और अपने बच्चों को दादा-दादी के पास रहने का मौका देना चाहिए ताकि उन्हें दादा-दादी का भरपूक प्यार मिल सके, क्योंकि दादा-दादी के प्यार के बिना बचपन अधूरा होता है। प्रस्तावना दादा-दादी और पोता-पोती का अटूट रिश्ता होता है। इस रिश्ते से कई भावनात्मक भावनाएं जुड़ीं रहती हैं। इनके बीच का प्रेम और बंधन काफी मजबूत होता है। वहीं जिस घर में दादा-दादी होते हैं, उस घर का अलग ही माहौल होता है, ऐसे घरों के रिश्तों में प्यार और सम्मान की भावना होती है और आपसी रिश्ते काफी मजबूत होते हैं साथ ही बच्चों के अंदर संस्कार भरे होते हैं। दादा-दादी के प्यार और स्नेह के बिना हर बच्चे का बचपन अधूरा है, क्योंकि उनका प्यार और स्नेह बेमिसाल होता है। दादा-दादी और पोता-पोती के बीच प्यार और रिश्ता: दादा-दादी और पोती-पोते के बीचे एक अलग बॉन्ड होता है। जिसमें सिर्फ प्यार ही प्यार होता है। जो बच्चे संयुक्त परिवार में रहते हैं, दादा-दादी, नाना-नानी के साथ उनके बचपन की मीठी कहानियां और मीठी यादें जुड़ी होती हैं। वहीं जब उनके माता-पिता अपने-अपने दैनिक कार्यों में व्यस्त रहते हैं, उस दौरान दादा-दादी ही होते हैं जो माता-पिता से ज्यादा अपने पोता-पोती का ख्याल रखते हैं और उनके बेहतर विकास के लिए उनका पालन-पोषण करते हैं। वहीं दादा-दादी के साथ रहने से बच्चों के अंदर कई ऐसे गुणों का विकास होता है, जिनके बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं – दादा-दादी के पास रहने से इन गुणों का होता है विकास: अच्छे संस्कारों का विकास होता है। अनुशासन की भावना विकसित होती है। रिश्तों का महत्व समझने में मद्द मिलती है। प्रेम – सम्मान की भावना का विकास होता है। रिश्तों में मजबूती आती है। जीवन में आगे बढ़ने का प्रोत्साहन मिलता है। बचपन को सही तरीके से जीने का मौका मिलता है। शारीरिक और मानसिक दोनों रुप से विकास होता है। सही पालन-पोषण में मद्द मिलती है। सेपरेट फैमिली में रहकर भी दादा-दादी से इन तरीकों से रख सकते हैं अपने रिश्ते मजबूत: कई फैमिली ऐसी होती हैं जिन्हें अपने करियर के चलते अपने माता – पिता से दूर जाकर किसी अन्य शहर में बसना पड़ता है। ऐसे में उनके बच्चों को दादा-दादी का प्यार नहीं मिल पाता है। वहीं व्यस्ततता के चलते हर हफ्ते जाकर अपने बच्चों को उनके दादा-दादी से मिलवाना मुमकिन नहीं है, लेकिन इन आासान तरीकों की मद्द से अपने बच्चों को दादा-दादी के प्यार, स्नेह में बांधने और उनके आपसी रिश्तों को मजबूत जरूर किया जा सकता है – सैपरेट फैमिली में रहने वाले समय-समय पर बच्चों के दादा-दादी को घर में रहने के लिए बुलाएं। वीडियो कॉल अथवा वॉइस कॉल के माध्यम से दादा-दादी से बच्चों को रोजाना बात करवाना न भूलें। ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स अथवा पोस्ट के जरिए दादा-दादी के लिए बच्चों से गिफ्ट भिजवाएं, इससे रिश्तें और भी ज्यादा मजबूत होते हैं। बच्चों को दादा-दादी के प्रति उनकी भावनाओं को उकेरने का मौका दें और उसमें अपना सहयोग करें। दादा-दादी के कर्तव्य: अपने पोता-पोती की सही देखभाल करने में सहयोग करें। पोता-पोती से दूर रहकर भी संपर्क बनाए रखें। बड़प्पन न दिखाएं, बच्चों की तरह पेश आएं। सख्ती से पेश न आएं। हमेशा अच्छी सलाह दें। अच्छे संस्कार डालने में मद्द करें। पोता-पोती के कर्तव्य: दादा-दादी के सेवा में तत्पर रहें। दादा-दादी की भावनाओं का रखें ख्याल। दादा-दादी का आदर-सम्मान करें। दादा-दादी, नाना-नानी से संपर्क बनाए रखें। दादा-दादी की जरूरतों को पूरा करने में उनकी मद्द करें। दादा-दादी के बताए गए मार्गों का अनुसरण करें और उनकी बात को गहराई से समझने की कोशिश करें। समय-समय पर दादा-दादी के साथ आउटिंग पर जाएं। दादा-दादी के साथ ज्यादा से ज्यादा समय व्यतीत करने की कोशिश करें। दादा-दादी को समय-समय पर उनके खास दिनों पर गिफ्ट देना नहीं भूलें। उपसंहार दादा-दादी और पोता-पोती के बीच एक बेहद प्यार भरा रिश्ता होता है। इसलिए आज की युवा पीढ़ी को इस तरफ ध्यान देना चाहिए और अपने बच्चों को संयुक्त परिवार प्रणाली से अलग कर उन्हें दादी-दादा के प्यार से वंचित नहीं करना चाहिए, बल्कि यह कोशिश करनी चाहिए की उनके बच्चों को दादा-दादी का अपार प्यार और स्नेह मिल सके क्योंकि दादी-दादा और नाना-नानी का प्यार और स्नेह बेमिसाल होता है, उनके प्यार के बिना हर बच्चे का बचपन अधूरा होता है।

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दादा-दादी पर निबंध (Grandparents Essay in Hindi)

दादा-दादी के साथ रहना, उनके आस-पास रहना अपने आप में एक मज़ेदार एहसास हैं। वे न केवल ज्ञान के मोती फैलाते हैं बल्कि प्यार और देखभाल के साथ हमारे जीवन को भी खुशियों से भर देते हैं। उनके आसपास होने की भावना शब्दों के माध्यम से वर्णित नहीं की जा सकती। दादा-दादी द्वारा दिए गए प्यार और स्नेह का कोई मेल नहीं है। अधिकांश दादा-दादी अपने पोता-पोती के साथ एक विशेष बंधन को साझा करते हैं।

दादा-दादी पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Grandparents in Hindi, Dada Dadi par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (300 शब्द).

दादा-दादी अपने पोता-पोती के साथ बहुत ही विशेष बंधन को साझा करते हैं। वे एक-दूसरे से मिलकर और एक दूसरे का साथ पाकर बहुत आनंदित महसूस करते हैं। कुछ परिवारों में यह बंधन माता-पिता और बच्चे के संबंध से भी काफी मजबूत होता है। अपने बच्चों के प्रति दादा-दादी का प्यार और स्नेह वाकई बेहद बेमिसाल होता है।

दादा-दादी और पोता-पोती के बीच संबंध

पहले के समय में बच्चों को उनके दादा-दादी के साथ समय व्यतीत करने का काफी मौका मिलता था पर अब वे अलग परिवार बसाने की बढ़ती प्रणाली की प्रवृत्ति के कारण एक-दूसरे से कम ही मिल पाते हैं। जहाँ तक माता-पिता की बात है तो वे कई निजी और व्यावसायिक प्रतिबद्धताओं के कारण अपने बच्चों को दादा-दादी के पास ले जाने का पर्याप्त समय नहीं बचा पाते पर उन्हें किसी भी हाल में एक दूसरे के साथ समय व्यतीत करने के लिए कोशिश करनी होगी। यहां कुछ ऐसे सुझाव दिए गए हैं जो इस दिशा में काम में लिए जा सकते हैं:

  • अगर आप अपनी पेशेवर प्रतिबद्धताओं के कारण माता-पिता से नहीं मिल पाते हैं या उनके साथ लम्बा समय व्यतीत नहीं कर पाते हैं तो आप अपने बच्चों को कुछ दिनों के लिए अपने माता-पिता के घर छोड़ सकते हैं या अपने माता-पिता को अपने निवास स्थान पर रहने के लिए बुला सकते हैं।
  • यात्रा करना अक्सर एक परेशानी का सबब बन सकती है हालांकि यह आपको किसी के संपर्क में रहने से रोक नहीं सकती। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपके बच्चे फोन या वीडियो कॉल के माध्यम से नियमित रूप से आपके माता-पिता से बात करते रहें।
  • आप अपने बच्चों द्वारा लिखे गए पत्र और कार्ड पोस्ट उन्हें अपने दादा-दादी को भेजने के लिए कह सकते हैं। यह थोड़ा पुराने जमाने का एहसास दिला सकता है लेकिन यह निश्चित रूप से स्थायी प्रभाव डाल कर बंधनों के बीच की दूरी ख़त्म कर सकता है।
  • ई-कॉमर्स पोर्टल्स के आगमन के साथ उपहार भेजना आसान हो गया है। अपने बच्चों को अपने दादा-दादी के लिए उपहारों का चयन करने में मदद करें और उन्हें विशेष अवसरों पर भेजने में सहायता करें।

दादा-दादी द्वारा सिखाए गये जीवन के सबक किसी भी पुस्तकों को पढ़ कर या किसी भी कक्षा में पढ़ कर नहीं सीखे जा सकते। माता-पिता पोता-पोती और दादा-दादी के बीच जुड़ने के बिंदु हैं और उन्हें यह सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी लेनी होगी कि वे इस संबंध को जीवित बनाए रखें।

निबंध 2 (400 शब्द)

दादा-दादी परिवार की जड़ के रूप में जाने जाते हैं। अपने अनुभव और समझ की वजह से वह नई पीढ़ियों को आगे बढ़ने में उनकी मदद करने के लिए अपने जीवन के मूल्यवान सबकों को साझा करते हैं। वे निस्वार्थ अपने बच्चों और पोता-पोती की सेवा करते हैं और उन्हें बेहतर इंसान बनने में उनकी मदद करते हैं।

संयुक्त परिवार प्रणाली: बच्चों के लिए एक वरदान

यहां कुछ कारक हैं जो इस विचारधारा का समर्थन करते हैं:

संयुक्त परिवार प्रणाली में जब कोई बच्चा दादा-दादी, चाचा-चाची, मामा-मामी और चचेरे, ममेरे भाई-बहनों के साथ रहता है तो वह विभिन्न प्रकार के लोगों के साथ किस प्रकार व्यवहार करें, कैसे रिश्तों का सामंजस्य स्थापित करें यह सीखता है। ऐसे बच्चों को शायद ही कभी लोगों के साथ रहने, बातचीत में कठिनाई का सामना करना पड़े बजाए उनके जो अपने माता-पिता या दिन के अधिकांश समय घरेलू सहायता की आस लगाए रखते हैं।

  • जीवन के लिए मूल्यवान पाठ

जब बच्चे अपनी उम्र के बढ़ते चरण में होते हैं और उन्हें जीवन को बेहतर तरीके से समझने, मूल्यवान सबक सिखने की जरूरत होती है तो माता-पिता अक्सर अपने करियर में व्यस्त रहते हैं और मुश्किल से उनके साथ गुणवत्ता का समय बिता पाते है ताकि उन्हें जीवन की अच्छाई और बुराई से अवगत करा सकें। दादा-दादी इस मामले में बहुत अधिक अनुभवी होते हैं और अक्सर एक संयुक्त परिवार में रहकर बच्चों के साथ अधिक समय बिता पाते हैं। संयुक्त परिवार में रहने वाले बच्चे इस प्रकार जीवन के लिए ज़रूरी अच्छे नैतिक मूल्यों और अन्य मूल्यवान सबक सीख सकते हैं।

  • क्षितिज का बढ़ना

बच्चे अक्सर हमारी नकल करते हैं। जब वे एक अलग बसाए परिवार में रहते हैं तो वे अक्सर माता या पिता की आदतों को ग्रहण कर अलग तरीके से बर्ताव करना शुरू करते हैं। हालांकि एक संयुक्त परिवार में रहना उनके परिप्रेक्ष्य को व्यापक करता है। वे अलग-अलग लोगों के संपर्क में आकर सीखते हैं कि कैसे एक कार्य को अलग-अलग तरीकों से किया जा सकता है और कैसे आँख बंद करके एक रास्ते पर चलने की बजाए अपनी मनपसंद राह चुने?

  • साझा करना और देखभाल करना

यद्यपि बच्चे संयुक्त परिवार में रहकर परिवार के विभिन्न सदस्यों के साथ का आनंद उठाते है पर इस कारण वह सभी का ध्यान अपनी तरफ नहीं खींच पाते है। संयुक्त परिवार में रहकर वे समझ जाते है कि जो भी बड़ी और छोटी चीज लाई गई वह केवल उनके लिए नहीं बल्कि उनको इसे और सदस्यों के साथ साझा करना पड़ेगा। इस प्रकार इससे साझा करने की आदत विकसित होती है और दूसरों की आवश्यकताओं के प्रति वे अधिक संवेदनशील बनते हैं।

  • ज्यादा आनंद

जन्मदिन और त्यौहार जैसे सभी विशेष अवसरों पर जब आप एकसाथ जश्न मनाते हैं तो वे आपके लिए और भी अधिक विशेष हो जाते हैं।

  • समर्थन प्रणाली

दादा-दादी परिवार के लिए समर्थन प्रणाली के रूप में कार्य करते हैं। आप उन पर कभी भी भरोसा कर सकते हैं। जैसे-जैसे वे बूढ़े होते जाते हैं उन्हें भी ध्यान और देखभाल की आवश्यकता होती है जिसे केवल संयुक्त परिवार में रहकर ही पूरा किया जा सकता है।

बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए संयुक्त परिवार व्यवस्था सबसे अच्छी है। यद्यपि यह व्यवस्था धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही है पर कुछ लोग अभी भी अकेले परिवार बसाने के चलन की बजाए इसे पसंद करते हैं।

निबंध 3 (600 शब्द)

दादा-दादी बनना दुनिया में सबसे अच्छी भावनाओं में से एक है। यह एक विशेष बंधन है जो दादा-दादी अपने पोता-पोती के साथ साझा करते हैं और यह सावधानी बरतने से समय के साथ और मजबूत हो जाता है।

जो दादा-दादी बनने वाले हैं उनके लिए सुझाव

माता-पिता की तुलना में अक्सर दादा-दादी परिवार में नए जन्म के आगमन को लेकर अधिक उत्साहित होते हैं। यदि आपको ऐसा लगता है कि दादा-दादी बनने वाले हैं और इस नई जिम्मेदारी को लेने के बारे में परेशानी महसूस कर रहे हैं तो निम्न जानकारी आपकी मदद कर सकती है:

Essay on Grandparents in Hindi

  • सहायता करें

दादा-दादी के रूप में आपकी ज़िम्मेदारी घर में नन्हें मेहमान के आने की खुशी के साथ शुरू होती है। जैसे ही आपको अच्छी खबर मिलती है आपको तुरंत अपने बच्चों की सहायता के लिए हाथ बढ़ाने होंगे। आपको इस महत्वपूर्ण चरण के दौरान बच्चे की देखभाल करने के बारे में सुझाव प्रदान करने होंगे और उन्हें यह आश्वासन देना होगा कि आप हर समय उनके मार्गदर्शन और समर्थन करने के लिए मौजूद हैं। आपको सुनिश्चित करना होगा कि आप अपना वादा रखेंगे और आवश्यकतानुसार अपना समर्थन देंगे।

  • वास्तविक बनिए

हालाँकि आपको इस चरण के दौरान और बच्चे के जन्म के बाद अपने बच्चों का समर्थन करने के लिए उनके साथ ज्यादातर समय मौजूद होना चाहिए लेकिन इसके यह जरुरी नहीं की आपको अपनी नौकरी छोड़नी पड़े या काम करने के लिए स्थानांतरित करने जैसे प्रमुख जीवन-परिवर्तनकारी निर्णय लेने के लिए मजबूर होना पड़े। आपको हमेशा याद रखना होगा कि आप दूसरे व्यक्ति का समर्थन, प्यार और देखभाल प्रदान तभी कर सकते हैं जब आप अपने जीवन में शांत और संतुष्ट रहें। आप कौन हैं इसे पहचानिए और वास्तविक बनिए।

  • ज्यादा खरीदारी न करें

कई दादा-दादी अपने नाती-पोतों के जन्म की खबर सुनकर उत्साहित हो जाते हैं और उनके लिए बाज़ार से सब कुछ खरीद लेते हैं। आपकी भावनाओं को पूरी तरह समझा जा सकता है लेकिन जहाँ तक पैसे के मामलों की बात हैं तो आपको हमेशा बुद्धिमानी से व्यवहार करना चाहिए। खरीदारी के लिए जरुरी नहीं कि सारा ही सामान ख़रीदा जाए।

  • स्वस्थ संबंध स्थापित करें

यद्यपि आप नए जन्म के आगमन को लेकर बहुत उत्साहित हैं लेकिन यह मत भूलिए कि उनके नाना-नानी भी है और वे भी इस खबर पर उतने ही खुश है जितने आप है। सभी काम अकेले खुद करने की बजाय अपनी जिम्मेदारियों को उनके साथ साझा करें, एक-दूसरे के साथ संचार करें, सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखें और बच्चे की शिक्षा-दीक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना प्रयत्न करें।

  • बंधन मजबूत करें

दादा-दादी अपने पोते-पोती के साथ एक विशेष बंधन स्थापित करना चाहते हैं लेकिन कई लोग इस रिश्ते पर हावी हो जाते हैं। वे दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करना शुरू करते हैं या बच्चों को मजबूर करते हैं की उन्हें पसंद करे। इस तरह आप बच्चों के सामने अपनी नकारात्मक छवि पेश करते हैं। बस अपने पोता-पोती के साथ समय बिताए, उनका अच्छा ख्याल रखें और समय दें स्वाभाविक रूप से संबंधो को मजबूत होने के लिए।

  • संपर्क बनाए रखें

यदि आप अपने बच्चों से दूर रह रहे हैं तो अपने बच्चों और पोते-पोती के साथ संपर्क बनाए रखें और उन्हें घर बुलाएं, उनसे मुलाकात करें तथा उन्हें अपने स्थान पर आमंत्रित करें ताकि आप यह सुनिश्चित कर सकें कि आप अपने पोते-पोती से नियमित रूप से मिल पाएंगे और उनके साथ गुणवत्ता का समय बिताएंगे।

  • अच्छी सीख दें

जैसे जैसे आपके पोता-पोती की उम्र बढ़नी शुरू होती हैं आपको उनमें अच्छे नैतिक मूल्यों को विकसित करने की जिम्मेदारी लेनी होगी। अलग-अलग परिस्थितियों को कैसे संभालना है यह जानने में उनकी मदद के लिए आपको अपने अनुभवों और कहानियों को उनके साथ साझा करना होगा।

  • कठोर मत बने

अगर आप अपनी विचारधारा के है और आप अच्छी तरह से समझते हैं कि सही और गलत में अंतर क्या है तो इसका यह मतलब नहीं है कि अपने पोता-पोती के लिए जिंदगी के नियम कड़े कर देंगे। उन्हें मार्गदर्शन करने आपका कर्तव्य है पर ध्यान रखें उनके साथ बातचीत करते समय ज्यादा कठोर नहीं हो। अपने स्वभाव में नरमाहट लाए जब भी आवश्यक हो उनके विचारों और नियमों को सुनें।

दादा-दादी बनना, विशेष रूप से पहली बार, जिंदगी भर न भूलने वाला अनुभव हो सकता है। शांत रहें और ज्यादा उतावले न हो तथा जैसे ही आप जीवन के इस नए चरण में प्रवेश करते हैं तो एक सकारात्मक दृष्टिकोण को अपनाए।

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मेरी दादी का निबंध

grandma essay in hindi

By विकास सिंह

Essay on my grandmother in hindi

मेरी दादी का निबंध, Essay on my grandmother in hindi -1

मेरी दादी एक महिला के रूप में एक देवी के समान हैं। उनके जीवन का एकमात्र उद्देश्य दूसरों की सेवा और बलिदान है। इस प्रकार वह हमारे परिवार में दावों और आदेशों और सम्मान की हकदार हैं।

मेरी दादी परिवार की सबसे व्यस्त सदस्य हैं। वह परिवार के वाहन का सबसे महत्वपूर्ण पहिया है। वह ऐसी महिला है जो बच्चों की देखभाल करती है। वह एक धार्मिक महिला हैं। भोर से पहले उठने के तुरंत बाद, वह स्नान करती है और प्रार्थना में लीन हो जाती है। वह पवित्र पुस्तकों को पढ़ती है और मंदिर के सामने बैठते समय एक गाने के तरीके से पढ़ती है जिसे उसने घर में स्थापित किया है।

मेरी दादी अच्छी कुक हैं। वह भोजन तैयार करना और परिवार के स्वादिष्ट सदस्यों की सेवा करना पसंद करती है। वह मशीन की तरह काम करती है। वह एक स्वस्थ और दमदार महिला हैं। वह घर के हर काम को देखती है। इसलिए हम उससे बहुत प्यार करते हैं। हम सभी परिवार के सभी मामलों में उनकी सलाह लेते हैं। इस प्रकार हमारे पारिवारिक मामले सुचारू रूप से चल रहे हैं, हमारे सामने कोई कठिनाई नहीं है। हमारे बीच कोई झगड़ा नहीं है।

वह बहुत दयालु और विचारशील है। वह बहुत काम की है। उसने अपने जीवन का एक भी पल कभी बर्बाद नहीं किया। वह हमेशा इस काम या उस काम में व्यस्त रहती है। इस प्रकार हमारा परिवार उसके मार्गदर्शन में तेजी से आगे बढ़ रहा है। वह हमारा ख्याल रखती है। उसे दिखावटी कपड़ों या गहनों का शौक नहीं है। वह बहुत मेहमाननवाज है। वह एक आदर्श और धर्मपरायण महिला हैं। उसे मातृभूमि से बहुत प्यार है।

मेरी दादी का निबंध, Essay on my grandmother in hindi -2

मेरी दादी का नाम श्रीमती सुशीला रानी है। वह बहुत बूढ़ी औरत है। वह सौ साल के आसपास की उम्र की हैं। वह अपनी उम्र के हिसाब से बुढापा महसूस नहीं करती हैं। वह अपनी जन्मतिथि नहीं जानती। उसने कभी अपना जन्मदिन नहीं मनाया।

उसके चांदी के समान सफेद बाल हैं। उसने अपने सारे दांत खो दिए हैं। उसकी दृष्टि बहुत कमजोर है। उसकी नाक पर चश्मे होने के बाद भी, वह बहुत स्पष्ट रूप से नहीं देख सकती है। उनको जानवरों से बहुत प्रेम है और उन्होंने एक बिल्ली पाल राखी है जिसकी वह काफी देखभाल करती है।

वह हमेशा अपने होंठों से कुछ न कुछ गुनगुनाती रहती है। हम अनुमान लगाते हैं कि वह हमेशा भगवान से प्रार्थना कर रही है। वह एक अनपढ़ महिला है। वह बहुत ही अंधविश्वासी महिला है। उसे ईश्वर पर दृढ़ विश्वास है। वह सुबह और शाम दोनों समय पूजा करती है।

वह बहुत कमजोर है, और छड़ी लेकर चलती है। छड़ी के साथ भी वह ज्यादा नहीं चल सकती। वह कहती है कि वह अब मंदिर जाने में सक्षम नहीं है। वह अपना अधिकांश समय बिस्तर पर बिताती है।  वह इतनी सारी बीमारियों से ग्रस्त है। कभी-कभी, उसे खांसी होती है।

कभी-कभी, उसके पैरों, पेट या सिर में तेज दर्द महसूस होता है। लेकिन उसके पास सहनशीलता की एक बड़ी शक्ति है। जब उसे कोई परेशानी होती है, तो वह रोने और कराहने के बजाय भगवान से प्रार्थना करती है।  फिर भी, शायद ही कभी उसके बचपन और जवानी को याद करते हुए उसे अवसाद की समस्या होती है।

यह बहुत आश्चर्यजनक है कि भले ही उसकी याददाश्त बहुत कमजोर हो गई हो, लेकिन वह अपने जीवन की कुछ घटनाओं को स्पष्ट रूप से याद कर सकती है। भले ही वह अनपढ़ है, लेकिन वह मुझे अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान देने के लिए कहती है।

यद्यपि वह पूरी मानव जाति से प्यार करती है, लेकिन वह मुझे विशेष रूप से प्यार करती है और मुझे गले लगाती है। मैं उससे बहुत प्यार करता हूं और उसे चलने और अन्य गतिविधियों में मदद करने की कोशिश करता हूं। में चाहता हूँ की वह कई वर्षों तक जीवित रहे!

मेरी दादी का निबंध, Essay on my grandmother in hindi -3

मेरी दादी मुझे बहुत प्रिय हैं। वह एक बूढ़ी औरत है। उनका नाम श्रीमती संतोष गुप्ता है। वह पैंसठ साल की है। इस उम्र में भी वह बहुत सक्रिय हैं। वह मेरी हर जरूरत का ख्याल रखती है।

वह सुबह जल्दी उठती है। वह एक धार्मिक महिला हैं। उसके बाल बर्फ की तरह सफेद हैं। वह लम्बी और पतली है। वह साफ और ढीले कपड़े पहनती है। वह बहुत अच्छी महिला है। वह बूढी है, लेकिन हर किसी की प्रिय है। वह परिवार की सभी महत्वपूर्ण नौकरियों की देखरेख करती है। वह हर तरह से सरल है। वह बहुत कम खाना खाती है।

मेरे माता-पिता सभी मामलों में उसकी सलाह लेते हैं। वह धार्मिक फिल्में देखना पसंद करती हैं। उसे हमेशा भगवान से प्रार्थना करते देखा जाता है। रात में, वह मुझे कहानियाँ सुनाती है। वह मुझे अपनी पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए भी कहती है। वह मुझसे बहुत प्यार करती है। मैं उससे बहुत प्यार करता हूँ।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Essay on Grandparents : अपने दादा-दादी के लिए ऐसे लिखें सरल शब्दों में निबंध

grandma essay in hindi

  • Updated on  
  • सितम्बर 7, 2024

Essay on Grandparents in Hindi

कुछ ही दिनों में दादा- दादी नाना- नानी दिवस मनाया जायेगा। हर साल सितंबर के दूसरे रविवार को दादा दादी दिवस मनाया जाता है। इस साल 2024 में यह दिन 8 सितंबर को मनाया जाएगा। दादा- दादी पर निबंध स्टूडेंट्स के लिए बहुत महत्वपूर्ण विषय है। अक्सर स्टूडेंट्स से दादा दादी पर निबंध यानि Essay on Grandparents in Hindi बतौर असाइनमेंट, होमवर्क और प्रॉजेक्ट पूछ लिया जाता है। Essay on Grandparents in Hindi परीक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण विषय है क्योंकि यह अक्सर पूछ लिया जाता है। इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें और जानें 100, 200 और 500 शब्दों में दादा दादी पर निबंध। 

This Blog Includes:

दादा-दादी पर 100 शब्दों में निबंध, दादा-दादी पर 200 शब्दों में निबंध, प्रस्तावना , दादा-दादी के साथ बचपन , निष्कर्ष , दादा दादी पर 10 लाइन्स .

दादा-दादी पर 100 शब्दों में निबंध (Essay on Grandparents in Hindi) इस प्रकार है :   

दादा-दादी परिवार की महत्वपूर्ण धरोहर होते हैं। वे हमारे जीवन के पहले गुरु होते हैं, जो अपने अनुभवों से हमें जीवन के महत्वपूर्ण पाठ सिखाते हैं। दादा-दादी न केवल हमें संस्कार और मूल्य सिखाते हैं, बल्कि वे हमारे जीवन में प्रेम, स्नेह, और मार्गदर्शन का स्रोत होते हैं। उनकी कहानियाँ हमें प्रेरित करती हैं और हमें जीवन की सच्चाइयों से अवगत कराती हैं। उनके साथ बिताया समय अनमोल होता है और उनकी उपस्थिति परिवार में खुशियों का संचार करती है। दादा-दादी का स्नेह भरा आशीर्वाद हमें जीवन में सदैव सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

यह भी पढ़ें : Grandparents Day Speech : ग्रैंडपैरेंट्स डे पर ऐसे तैयार करें प्रेरणादायक भाषण

दादा-दादी पर 200 शब्दों में निबंध (Essay on Grandparents in Hindi) इस प्रकार है :   

दादा -दादी, नाना-नानी के साथ बिताया हुआ समय अत्यंत खास होता है। वे हमारे साथ समय बिताकर हमें नए तरीके से सोचने की क्षमता प्रदान करते हैं। हमारे दादा- दादी और नाना-नानी हमारे साथ खेलते हैं, कहानियाँ सुनाते हैं और हमारे साथ अपने अनुभवों को साझा करते हैं। उनके साथ बिताया हुआ वक्त हमारे जीवन के सुखद और यादगार होते हैं।

दादा-दादी ईश्वर के ऐसे आशीर्वाद हैं जिनकी पूर्ति नहीं की जा सकती। वे हमेशा अपने बच्चों और पोते-पोतियों की देखभाल करते रहते हैं। जैसे-जैसे समय विकसित हो रहा है, लोग अपनी परंपरा से दूर होते जा रहे हैं। इसी तरह, लोग दादा-दादी के महत्व को नहीं समझ रहे हैं। इसलिए हार साल हमारे जीवन में उनके महत्व को समझाने के लिए दादा-दादी दिवस मनाया जाता है।

यह भी पढ़ें : Grandparents Day Kab Aata Hai : 2024 में इस दिन मनाया जाएगा ग्रैंड पेरेंट्स डे

दादा-दादी पर 500 शब्दों में निबंध

दादा-दादी पर 500 शब्दों में निबंध (Essay on Grandparents in Hindi) इस प्रकार है :   

दादी-नानी और दादा-नाना हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। वे हमारे परिपर्णी होते हैं और हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। दादी-नानी और दादा-नाना के साथ बिताया हुआ समय अद्वितीय और यादगार होता है।

दादी-नानी के साथ वक्त बिताने का अनुभव बेहद खास होता है। वे हमारे जीवन के अहम हिस्से होते हैं और हमें अपने आदर्शों और मूल्यों का पालन करने की शिक्षा देते हैं। उनके साथ वक्त बिताने से हम अधिक समझदार बनते हैं और जीवन के प्रति जागरूक होते हैं। वे हमारी मानसिकता को सुधारने में मदद करते हैं और हमारी समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने में सहायक होते हैं।

दादी-नानी हमारे साथ खेलने और कहानियाँ सुनाने का अवसर प्रदान करती हैं। वे हमारे साथ समय बिताने के लिए उत्सुक होती हैं और हमें अपने अनुभवों का साझा करने का मौका देती हैं। इसके अलावा, वे हमें गर्मागरम खाने का स्वाद भी दिलाती हैं और हमारे लिए अपनी ममता से सब कुछ बनाकर पेश करती हैं।

दादी-नानी के साथ वक्त बिताने से हम अपने संस्कृति और परंपराओं को भी सीखते हैं। वे हमें अपने जीवन के कई महत्वपूर्ण घटनाओं और इतिहास के बारे में बताते हैं, जिससे हम अपने धार्मिक और सांस्कृतिक ज्ञान को भी बढ़ाते हैं।

दादा-नाना भी हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे हमें अपने अनुभवों से जीवन के मूल्यों का महत्व सिखाते हैं। उनके साथ वक्त बिताने से हम उनकी संजीवनी सलाहों का भी उपयोग करते हैं और जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण उपायों को सिखने का अवसर प्राप्त करते हैं।

दादी-नानी और दादा-नाना हमारे जीवन के अमूल्य रत्न हैं, जो हमें अपनी ममता, समझदारी और प्यार से निभाते हैं। वे हमारे लिए आदर्श होते हैं और हमारे जीवन को खुशियों से भर देते हैं। यह एक अद्वितीय संबंध होता है जिसमें हमारे दादी-नानी और दादा-नाना हमारे लिए एक बड़ी परिपर्णता का भाग बनते हैं।

दादी-नानी और दादा-नाना के साथ वक्त बिताने से हमारे जीवन में एक साथी की भावना बनती है। वे हमें अपने सफलता और असफलता के किस्से सुनाकर जीवन की महत्वपूर्ण सिखें देते हैं। दादी-नानी और दादा-नाना के साथ वक्त बिताने से हम अपनी परंपराओं और धर्म के प्रति भी आदर्श बनते हैं। वे हमें अपने धार्मिक मान्यताओं और रीति-रिवाजों का महत्व सिखाते हैं और हमारे लिए आदर्श बनते हैं।

दादी-नानी और दादा-नाना हमारे जीवन को खुशियों से भर देते हैं। उनका साथ हमारे लिए अद्वितीय होता है और हम उनके साथ बिताए गए समय को सर्वोत्तम तरीके से समझते हैं।

दादी-नानी और दादा-नाना हमारे जीवन के महत्वपूर्ण हिस्से होते हैं, जो हमें आदर्श बनाते हैं। वह हमारे जीवन में प्यार और समझदारी प्रदान करते हैं और हमे संस्कृति और परंपराओं का पालन कराते हैं। वे हमारे जीवन को सुंदरता और गहराई से भर देते हैं और हमारे लिए हमेशा महत्वपूर्ण रहेंगे।

यह भी पढ़ें : Dada Dadi Shayari: पढ़िए दादा-दादी के प्रेम पर आधारित बेस्ट शायरी, जिन्हें आप इस ग्रैंडपैरेंट्स डे पर अपने दादी-दादा को समर्पित कर सकते हैं

दादा  दादी पर 10 लाइन्स कुछ इस प्रकार हैं –

  • दादा और दादी हमारे परिवार के पुराने सदस्य होते हैं और हमारे जीवन में अत्यधिक महत्वपूर्ण होते हैं।
  • दादा और दादी हमें अपने अनुभव और ज्ञान से भरपूर उपदेश देते हैं जो हमारे जीवन में महत्वपूर्ण होते हैं।
  • उनकी कड़ी मेहनत और संघर्ष की कहानियां हमें जीवन में संघर्ष करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं।
  • दादा और दादी हमारे साथ खेलने, मनोरंजन करने और विचार-विमर्श करने के लिए समय बिताते हैं।
  • उनकी ममता और प्यार हमारे लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होते हैं और हमें सुरक्षित और प्रेम से महसूस कराते हैं।
  • दादा-दादी के साथ बिताया हुआ समय हमारे लिए यादगार होता है और हमें उनकी शीख और सलाह का सम्मान करना चाहिए।
  • वे हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों का पालन कराते हैं और हमें सांस्कृतिक धरोहर के प्रति गर्व महसूस कराते हैं।
  • उनकी सर्वस्व से बनाई गई खाने की स्वादिष्टता हमें याद रहती है और हमें घर की याद दिलाती है।
  • दादा और दादी हमें अपनी कहानियों से रोमांचित करते हैं और हमें उनके साथ हंसी-मजाक करने का मौका मिलता है।
  • हमारे जीवन में दादा और दादी हमारे लिए अद्वितीय होते हैं, और हमें उनके साथ बिताया हुआ समय का सदुपयोग करना चाहिए।

यह दिवस इस साल 2023 में 10 सितंबर के दिन मनाया जाएगा। 

दादा दादी हमारे जीवन के महत्वपूर्ण हिस्से होते हैं। उनका महत्व उनके अनुभव, ज्ञान, और प्यार में होता है, जो हमें सबसे अच्छी तरीके से गुड़ समझने और जीवन की महत्वपूर्ण सीखें देते हैं।

दादा दादी के साथ समय बिताने का सरल तरीका है कि आप उनके साथ कहानियों सुनें, उनके साथ खेलें, और उनके साथ उनके अनुभवों को साझा करें। आप उनसे उनके जीवन के बारे में बात करके उनकी सलाह और ज्ञान का सम्मान कर सकते हैं।

दादा दादी से हम कई चीजें सीख सकते हैं, जैसे कि धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों का महत्व, सफलता के लिए कठिनाइयों का सामना कैसे करना चाहिए, और जीवन में खुश और संतुष्ट रहने के तरीके।

दादा दादी के साथ बिताए गए समय से हमें उनके साथीय और प्यारे संबंध बनते हैं। इसके अलावा, हम उनके अनुभव से सीखते हैं, जो हमारे जीवन में महत्वपूर्ण हो सकते हैं, और हमें उनके साथ बिताए गए समय की यादें जीवन भर के लिए याद रहती हैं।

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Essay on Grandparents in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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Letter to grandmother in hindi दादी माँ को पत्र.

Write a letter to Grandmother in Hindi language. अपनी दादी जी को उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए पत्र लिखिए। Everyone loves his/her Grandmother and if you write a letter to your Grandmother she will be more than happy.

hindiinhindi Letter to Grandmother in Hindi

Letter to Grandmother in Hindi

26-D, पॉकेट-4 धवलगिरि अपार्टमेंट नई दिल्ली

20 मई, 20।।।।

आदरणीया दादी जी, सादर चरण स्पर्श

परिवार के सभी लोग यहाँ कुशल से हैं। सर्दी बहुत अधिक हो गई है। आपके घुटनों और पीठ का दर्द बढ़ गया होगा। चाचा जी ने बताया कि इलाज चल रहा है। आप अपना ध्यान रखना। चाचा जी तो सुबह खेत चले जाते होंगे। गुड़ भी बन रहा होगा। हम आपके प्रति अपने कर्तव्यों को ठीक से नहीं निभा पा रहे हैं इसका हृदय पर बोझ है।

माँ-पिताजी भी यही चाहते हैं कि आप यहीं आ जाएँ तो अच्छा रहेगा। यहाँ आपके रहने और इलाज की सुविधा रहेगी। आपकी और परिवार के अन्य सदस्यों की बहुत याद आती है। दादी जी, चाचा-चाची को मेरा प्रणाम कहना। मिथलेश, नीता, अनुसुइया को प्यार। दीदी और भैया को नमस्ते ।

आपका पोता अरुण मिश्रा

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दादा-दादी पर निबंध – Essay on Grandparents in Hindi

Essay on Grandparents in Hindi

वे लोग बेहद खुशनसीब होते हैं जिन्हें अपने दादा-दादी और नाना-नानी के साथ रहने का मौका मिलता है और उनके अंदर न सिर्फ अच्छे संस्कार विकसित होते हैं बल्कि उन्हें अपार प्यार और स्नेह भी मिलता है। दादी-दादी घर से सबसे बड़े, आदरणीय और सम्मानीय सदस्य होते हैं, जिनके फैसले परिवार के लिए काफी महत्वपूर्ण होते हैं। वहीं दादा-दादी का अपने नाती-पोतें के साथ एक अलग रिश्ता होता है।

घर के सारे सदस्यों का प्यार एकतरफ और दादा-दादी का प्यार एक तरफ होता है। दादा-दादी न सिर्फ मम्मी-पापा के डांट देने पर अपने प्यार-दुलार से बच्चों का मूड सही कर देते हैं बल्कि उन्हें प्यारी-प्यारी परियों की कहानियां सुनाकर उनके बचपन को और भी ज्यादा हसीन बना देते हैं।

दादा-दादी और पोता-पोती का अटूट बंधन और मजबूत रिश्ते पर कई बार प्रतियोगी परीक्षा अथवा निबंध प्रतियोगिता पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है, इसलिए आज हम आपको अपने इस पोस्ट में अलग-अलग शब्द सीमा पर दादा-दादी के विषय पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसका चयन आप अपनी जरूरत के मुताबिक कर सकते हैं –

Essay on Grandparents in Hindi

दादा-दादी, नाना-नानी घर से सबसे बड़े एवं सम्मानीय सदस्य होते हैं। इसलिए घर के सभी लोगों के मन में इनके लिए अलग भावना होती है और सब इनका आदर करते हैं। घर से हर काम को इनकी सलाह से पूरा किया जाता है, क्योंकि इनके घर के लिए गए हर फैसले अहम होते हैं, इन्हें दुनिया का काफी अच्छा तुर्जुबा होता है और लोगों की बेहतर पहचान होती है।

इसलिए वे अपने अनुभव और तर्जुबे को अपने बच्चों को पोता – पोता से सांझा करते हैं और उन्हें दुनिया के बारे में मुखातिब करवाते हैं और उन्हें सही सलाह देकर सही मार्ग पर चलने की शिक्षा देते हैं।

इसके साथ ही घर में अनुशासन को बनाए रखने के लिए प्रेरणा देते हैं और अनुशासन के महत्व को अपने पोता-पोती को बताते हैं।

वहीं जब माता-पिता अपने कामों में व्यस्त रहते हैं तो दादा-दादी ही होते हैं जो पोता-पोती को भरपूर समय देते हैं और उनके अंदर अच्छे संस्कारों का विकास करते हैं साथ ही उन्हें भारतीय संस्कृति एवं परंपरा के महत्व को बताते हैं और उनके अंदर नैतिक मूल्यों एवं कर्तव्यों की भावना का विकास करने में उनकी मद्द करते हैं।

जो बच्चे अपने दादा-दादी के संपर्क में रहते हैं उनके अंदर रिश्तों की अहमियत और प्रेम, सम्मान की भावना कूट-कूट कर भरी होती है, क्योंकि दादा-दादी बच्चों को सभी से प्रेम करने और रिश्तों के महत्व को बेहद अच्छे तरह से समझाते हैं।

दादा-दादी, घर की रौनक होते हैं और अपने पोता – पोती को उनके माता-पिता से भी ज्यादा प्यार करते हैं और उन्हें अच्छी कहानियां सुनाकर उनके बचपन को और भी ज्यादा बेहतर बनाते हैं।

वहीं आज की युवा पीढ़ी सुंयुक्त परिवार में रहना नहीं पसंद करती है, सेपरेट परिवार में रहना एक ट्रेंड सा बनता जा रहा है। जिसके चलते आज के बच्चों को दादा-दादी और नाना – नानी का प्यार नहीं मिल पाता है।

वहीं इस बात को हर माता-पिता को जरूर समझना चाहिए और अपने बच्चों को दादा-दादी के पास रहने का मौका देना चाहिए ताकि उन्हें दादा-दादी का भरपूक प्यार मिल सके, क्योंकि दादा-दादी के प्यार के बिना बचपन अधूरा होता है।

दादा-दादी पर निबंध – Dada Dadi par Nibandh

दादा-दादी और पोता-पोती का अटूट रिश्ता होता है। इस रिश्ते से कई भावनात्मक भावनाएं जुड़ीं रहती हैं। इनके बीच का प्रेम और बंधन काफी मजबूत होता है। वहीं जिस घर में दादा-दादी होते हैं, उस घर का अलग ही माहौल होता है, ऐसे घरों के रिश्तों में प्यार और सम्मान की भावना होती है और आपसी रिश्ते काफी मजबूत होते हैं साथ ही बच्चों के अंदर संस्कार भरे होते हैं।

दादा-दादी के प्यार और स्नेह के बिना हर बच्चे का बचपन अधूरा है, क्योंकि उनका प्यार और स्नेह बेमिसाल होता है।

दादा-दादी और पोता-पोती के बीच प्यार और रिश्ता:

दादा-दादी और पोती-पोते के बीचे एक अलग बॉन्ड होता है। जिसमें सिर्फ प्यार ही प्यार होता है। जो बच्चे संयुक्त परिवार में रहते हैं, दादा-दादी, नाना-नानी के साथ उनके बचपन की मीठी कहानियां और मीठी यादें जुड़ी होती हैं।

वहीं जब उनके माता-पिता अपने-अपने दैनिक कार्यों में व्यस्त रहते हैं, उस दौरान दादा-दादी ही होते हैं जो माता-पिता से ज्यादा अपने पोता-पोती का ख्याल रखते हैं और उनके बेहतर विकास के लिए उनका पालन-पोषण करते हैं। वहीं दादा-दादी के साथ रहने से बच्चों के अंदर कई ऐसे गुणों का विकास होता है, जिनके बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं –

दादा-दादी के पास रहने से इन गुणों का होता है विकास:

  • अच्छे संस्कारों का विकास होता है।
  • अनुशासन की भावना विकसित होती है।
  • रिश्तों का महत्व समझने में मद्द मिलती है।
  • प्रेम – सम्मान की भावना का विकास होता है।
  • रिश्तों में मजबूती आती है।
  • जीवन में आगे बढ़ने का प्रोत्साहन मिलता है।
  • बचपन को सही तरीके से जीने का मौका मिलता है।
  • शारीरिक और मानसिक दोनों रुप से विकास होता है।
  • सही पालन-पोषण में मद्द मिलती है।

सेपरेट फैमिली में रहकर भी दादा-दादी से इन तरीकों से रख सकते हैं अपने रिश्ते मजबूत:

कई फैमिली ऐसी होती हैं जिन्हें अपने करियर के चलते अपने माता – पिता से दूर जाकर किसी अन्य शहर में बसना पड़ता है। ऐसे में उनके बच्चों को दादा-दादी का प्यार नहीं मिल पाता है।

वहीं व्यस्ततता के चलते हर हफ्ते जाकर अपने बच्चों को उनके दादा-दादी से मिलवाना मुमकिन नहीं है, लेकिन इन आासान तरीकों की मद्द से अपने बच्चों को दादा-दादी के प्यार, स्नेह में बांधने और उनके आपसी रिश्तों को मजबूत जरूर किया जा सकता है –

  • सैपरेट फैमिली में रहने वाले समय-समय पर बच्चों के दादा-दादी को घर में रहने के लिए बुलाएं।
  • वीडियो कॉल अथवा वॉइस कॉल के माध्यम से दादा-दादी से बच्चों को रोजाना बात करवाना न भूलें।
  • ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स अथवा पोस्ट के जरिए दादा-दादी के लिए बच्चों से गिफ्ट भिजवाएं, इससे रिश्तें और भी ज्यादा मजबूत होते हैं।
  • बच्चों को दादा-दादी के प्रति उनकी भावनाओं को उकेरने का मौका दें और उसमें अपना सहयोग करें।

दादा-दादी के कर्तव्य:

  • अपने पोता-पोती की सही देखभाल करने में सहयोग करें।
  • पोता-पोती से दूर रहकर भी संपर्क बनाए रखें।
  • बड़प्पन न दिखाएं, बच्चों की तरह पेश आएं।
  • सख्ती से पेश न आएं।
  • हमेशा अच्छी सलाह दें।
  • अच्छे संस्कार डालने में मद्द करें।

पोता-पोती के कर्तव्य:

  • दादा-दादी के सेवा में तत्पर रहें।
  • दादा-दादी की भावनाओं का रखें ख्याल।
  • दादा-दादी का आदर-सम्मान करें।
  • दादा-दादी, नाना-नानी से संपर्क बनाए रखें।
  • दादा-दादी की जरूरतों को पूरा करने में उनकी मद्द करें।
  • दादा-दादी के बताए गए मार्गों का अनुसरण करें और उनकी बात को गहराई से समझने की कोशिश करें।
  • समय-समय पर दादा-दादी के साथ आउटिंग पर जाएं।
  • दादा-दादी के साथ ज्यादा से ज्यादा समय व्यतीत करने की कोशिश करें।
  • दादा-दादी को समय-समय पर उनके खास दिनों पर गिफ्ट देना नहीं भूलें।

दादा-दादी और पोता-पोती के बीच एक बेहद प्यार भरा रिश्ता होता है। इसलिए आज की युवा पीढ़ी को इस तरफ ध्यान देना चाहिए और अपने बच्चों को संयुक्त परिवार प्रणाली से अलग कर उन्हें दादी-दादा के प्यार से वंचित नहीं करना चाहिए, बल्कि यह कोशिश करनी चाहिए की उनके बच्चों को दादा-दादी का अपार प्यार और स्नेह मिल सके क्योंकि दादी-दादा और नाना-नानी का प्यार और स्नेह बेमिसाल होता है, उनके प्यार के बिना हर बच्चे का बचपन अधूरा होता है।

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  • My Grandmother Essay in 100, 150, 250, 300, 400 Words for Students

Here we are sharing some beautiful essays on my grandmother in 100, 150, 250, 300, 400 words. These essays are very easy to learn for any students.

In This Blog We Will Discuss

My Grandmother: Short Essay (100 Words)

We are a big family living together. My grandma is the head of the family. She is the oldest person here. We love her. My grandmother name is Rabeya Khatun and she is 78 years old. In this age, she is still strong enough and can do so many own works. My grandma is a really good woman.

She wakes up early in the morning and starts her day with prayer. She encourages us to pray more and more. She is the busiest person in our family because she takes care of all of us. She loves to spend time in the kitchen. I love my grandmother a lot.

My Grandmother: Short Essay (150 Words)

My grandmother is the eldest member of our family. She has sacrificed a lot for this family. Now she deserves respect and love from us. We all grandchildren are a fan of her. She used to spend most of her time with us. The most interesting thing about my grandma is she shares lots of amazing stories.

Especially in the night, the stories of ghosts are really scary to us. But we love to hear these stories. She is almost 80 years old, but it’s not appropriate, because she doesn’t know her birth date. She has never celebrated her birthday. But at this age, she still can move properly like other young peoples.

She is such a strong and good mentality woman. She is a caring woman and takes care of the whole family. She is like a driver who operates a big bus. We love our grandma a lot.

My Grandmother: Essay (250 Words)

Introduction:

Grandparents really love, they love their grandchild’s a lot. Today I am going to sharing my experience with my own grandma. She is an amazing woman, I have ever seen in my entire life. We, whole family and cousins, love and respect her a lot. I think elderly people like her should be respected and loved by us. This will make the families better for them.  

My Grandmother:

My grandmother’s name is Sunita Mehta; she is about 75 years old. She was a school teacher at a young age. My father and uncles used to share lots of stories about her. They share how she has sacrificed a lot in her life for this family. She was an absolutely hardworking woman, who was really committed to make this family a better place. When my grandfather was struggling with his job, she came out and helped him working as a teacher. Besides this, she has done so many things for the family.  

What She Does:

She is a religious woman. Most of her time, she spend doing prayer and Puja . In her leisure time, she sat with us and share lots of stories. Her stories are really addictive and that’s made us a fan of her. At this age, she still goes to the kitchen and takes care of the cooking. She was an amazing cook.  

Conclusion:

My mother and aunties love my grandma a lot. They respect her and help her in all of her works. We all cousins also try loving her. She is the most amazing woman in my life.    

My Grandmother: Essay (300 Words)

Most of the family, there is the eldest member. In our family, we have gone our grandma as the eldest member. She is the leader and the guide for the whole family. Before doing anything, we ask her for permission. It’s all about love and respect for her. In her time, she has done so much sacrifice for the family. Today I am going to share my experience with grandma.  

The name of my grandma is Nazma Ahmed. She is about 70 years old and she is still can walk, and move properly. She is an interesting character. She is very talkative and loves to share stories with us. I and my cousins are really curious about spending time with her.    

Her Daily Routine:

She wakes up early in the morning and starts her day with Morning Prayer. She is a very religious person. She encourages the whole family to pray more and more. In her this age, she still goes to the kitchen just to take care of the cooking situation. She was an amazing cook in her time. She takes her bath at 1 PM, before the noon prayer. In the afternoon, she sat with all of us and teaches us some time. She doesn’t have any major health issues yet.  

How Much I Love Her:

I love her a lot. She is like my best friend. From childhood , I am spending most of my time with her. Not only, there a couple of cousins are we raising together and spending time together with her. She always loves us a lot. Even the whole family loves her.  

She is the most senior person in our family and we respect her for this. She has done so many things to make this family better for us.

My Grandmother: Essay (400 Words)

Grandparents are the eldest member in every family. My grandfather is no more, but there is my grandma who is fulfilling the blank space of grandpa. Today I am going to share my love and feeling about my grandma. She is such an amazing woman I have ever seen in my entire life.  

My grandma:

Her name is Ruksana Ahmed, and she is 74 years old. In this age, she is still strong enough. She can walk, and do a few little works too. At this stage of life, she still takes care of the whole family. As usual, she is the most important person in the family. Everyone values her decision and ask her before doing anything major. She is a religious woman. Most of her time, she used to spend praying. She teaches us the holy book Quran. In the time, when I was a kid, she used to teach me and a few of my cousins together. Now she doesn’t have good eyesight, but she still can read with her glasses.  

Her life in a few words:

My grandma had a colorful life. My father and uncles have shared lots of stories of her. Her marriage with my grandpa has arranged so big and awesome celebration. She was the most beautiful girl in the area. Grandpa falls in love and asks her father to marry her.

Both families agreed and they got married. The most touching part of her life is, they faced some financial problems as a family. She started working as a part-time school teacher. She was really hardworking. That was really tough to maintain the whole family, lots of household works after doing teaching in the school.

But she did these successfully. Her hard work pays off and she was able to create a better place for the next generation. We love her a lot. She was a true fighter.  

I and my cousins best friend:

She is my best friend. Not only I, but there also are lots of my cousins who used to spend most of the times with her. She loves us too. She never refuses us in anything. She always loves to tell us stories and teach us small lessons. She is very friendly.  

After all, the whole family loves her. She has lots of contributions to this family. That’s why they never let her be down. Everyone respects her as like deities. I love my grandmother a lot too.  

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How to Say Grandma and Grandpa in Hindi: A Comprehensive Guide

When it comes to addressing our grandparents, it’s essential to use the appropriate terms that show our respect and love. In Hindi, a widely spoken language in India, there are various ways to say “grandma” and “grandpa,” depending on the formality level and regional variations. In this guide, we will explore both formal and informal ways of addressing grandparents in Hindi, while also highlighting regional variations if necessary.

Table of Contents

Formal Terms for Grandma in Hindi

1. Dadi: The term “dadi” is commonly used to refer to one’s paternal grandmother.

2. Nani: The term “nani” is commonly used to refer to one’s maternal grandmother.

Example: “It’s always heartwarming to visit my nani and spend quality time with her.”

Informal Terms for Grandma in Hindi

1. Dadi Ma: This term is an affectionate and informal way to refer to one’s paternal grandmother, combining the words “dadi” (paternal grandmother) and “ma” (mother).

2. Nani Ma: This term is an informal way to refer to one’s maternal grandmother, combining the words “nani” (maternal grandmother) and “ma” (mother).

Formal Terms for Grandpa in Hindi

1. Dada: The term “dada” is commonly used to refer to one’s paternal grandfather.

2. Nana: The term “nana” is commonly used to refer to one’s maternal grandfather.

Example: “My dada always tells fascinating stories from his younger days.”

Informal Terms for Grandpa in Hindi

1. Dada Ji: This term is an affectionate and informal way to refer to one’s paternal grandfather, combining the words “dada” (paternal grandfather) and “ji” (a term of respect).

2. Nana Ji: This term is an informal way to refer to one’s maternal grandfather, combining the words “nana” (maternal grandfather) and “ji” (a term of respect).

Regional Variations

In various regions of India, alternative terms and variations for addressing grandparents exist. Let’s explore a few of them:

In Bengali, one of the prominent languages spoken in Eastern India, the terms for grandparents are:

  • Grandma: Didi (paternal) and Dida (maternal)
  • Grandpa: Dadu (paternal) and Dada (maternal)

In Punjabi, commonly spoken in the state of Punjab, the terms for grandparents are:

  • Grandma: Bebe (paternal) and Biji (maternal)
  • Grandpa: Beera (paternal) and Daada (maternal)

Note: Regional variations can extend beyond these examples, and it’s always good to consult native speakers in specific regions for accurate terms.

Addressing grandparents with the right terms, whether formal or informal, is an essential part of Indian culture and signifies respect and affection. In Hindi, “dadi” and “nani” are commonly used for grandma, while “dada” and “nana” are used for grandpa. Informal variations include “dadi ma,” “nani ma,” “dada ji,” and “nana ji.” Additionally, regional variations such as Bengali and Punjabi offer alternative terms for grandparents. Remember to use these terms with warmth and love when addressing your beloved grandparents.

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    मकर संक्रांति पर निबंध (Essay on Makar Sankranti in Hindi) - मकर संक्रांति का त्योहार देश के विभिन्न राज्यों में 14 जनवरी को मनाया जाता है। इसे खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है ...

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